Deputy government should demand equal rights for Haryana over Chandigarh:चंडीगढ़ पर हरियाणा का बराबरी का हक मांगे नायब सरकार: चंडीगढ़ प्रशासन पर केंद्र का हस्तक्षेप पर बोले पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला

चंडीगढ़ पर हरियाणा का बराबरी का हक मांगे नायब सरकार: चंडीगढ़ प्रशासन पर केंद्र का हस्तक्षेप पर बोले पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला

Deputy government should demand equal rights for Haryana over Chandigarh

Deputy government should demand equal rights for Haryana over Chandigarh:

Deputy government should demand equal rights for Haryana over Chandigarh:  पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने राजधानी चंडीगढ़ का नियंत्रण केंद्र सरकार के हाथों में लिए जाने की खबरों पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि हरियाणा और पंजाब की संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ पर केंद्र का प्रशासनिक दखल बढ़ाना हमारे हित में नहीं है और हरियाणा की भाजपा सरकार को इसका विरोध करते हुए ऐसे आशंकाओं पर रोक लगवानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है कि चंडीगढ़ में हरियाणा की हिस्सेदारी 60-40 के अनुपात की बजाय 50-50 करवाई जाए और इसके लिए हरियाणा की भाजपा सरकार केंद्र में अपनी पार्टी की सरकार पर दबाव बनाए। वे सोमवार को रोहतक जिले के विभिन्न गांवों में जनसम्पर्क अभियान पर थे।

पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने विभिन्न खबरों में संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में राजधानी चंडीगढ़ के बारे में प्रस्ताव लाकर इसका नियंत्रण केंद्र सरकार के अधीन लिए जाने की संभावना पर विरोध जताया और कहा कि हरियाणा के सभी राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों को इसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र शासित क्षेत्र होने के चलते चंडीगढ़ पर पहले से ही केंद्र सरकार के अधिकारियों की पर्याप्त हिस्सेदारी है और इसे बढ़ाना हरियाणा और पंजाब के अपनी राजधानी पर अधिकार को कम करने वाला कदम होगा। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि मीडिया स्रोतों से प्राप्त सूचना के अनुसार केंद्र सरकार के शीतकालीन सत्र के लिए संसद में पेश करने के लिए बिल तैयार कर लिया है और इसे सूचिबद्ध भी कर दिया है। उन्होंने कहा कि बिना दोनों राज्यों से व्यापक चर्चा और सहमति के कोई भी कदम उठाना धक्केशाही माना जाएगा और दोनों राज्यों के लोग इसका विरोध करेंगे। दुष्यंत चौटाला ने हैरानी जताई कि हरियाणा की भाजपा सरकार इस विषय पर अब तक चुप क्यों है और केंद्र के भारी दबाव में क्यों दिख रही है।

इसके साथ ही दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हरियाणा के गठन के समय चंडीगढ़ के संसाधनों और संस्थाओं में पंजाब को 60 और हरियाणा को 40 प्रतिशत हिस्सेदारी दी गई थी। उन्होंने कहा कि 1966 में भले ही यह फैसला मंजूर कर लिया गया हो लेकिन आज हरियाणा विकास और देश के जीडीपी व आमदनी में योगदान देने में पंजाब से कहीं आगे निकल गया है। उन्होंने कहा कि अब हरियाणा को यह भेदभाव खत्म करवाना चाहिए और चंडीगढ़ में हिस्सेदारी 50-50 प्रतिशत की करवानी चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र और हरियाणा दोनों जगह भाजपा की सरकार है, ऐसे में अगर हरियाणा के हितों पर किसी तरह का कुठाराघात किया गया तो यह माना जाएगा कि हरियाणा की नायब सिंह सरकार ने हरियाणा के हितों को अपने पार्टी नेतृत्व के यहां गिरवी रख दिया है। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि मुख्यमंत्री को इस विषय पर तुरंत प्रधानमंत्री से मुलाकात करनी चाहिए और उनसे चंडीगढ़ में हरियाणा की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत करने की मांग करनी चाहिए।
जनसम्पर्क अभियान के दौरान पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने करीब एक दर्जन गांवों में नुक्कड़ सभाएं की और लोगों को 7 दिसंबर को जुलाना में होने वाले जेजेपी स्थापना दिवस कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि लोगों में इस कार्यक्रम के लिए काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। जनसम्पर्क कार्यक्रम में उनके साथ कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।